reshdoll
Friday, October 9, 2009
महफिल -ऐ - हुसन
.....महफिल -ऐ - हुसन सजाओ तो कोई बात बने ..
दौलत -ऐ - इश्क लुटाओ तो कोई बात बने
जाम -ऐ -सागर से नही पीना गवारा हमको ..
अपनी निगाहों से पिलाओ तो कोई बात बने ..
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