Thursday, October 8, 2009

deserted love

वो कहती ....मुझसे ..प्यार नही ;
फिर क्यो आँखे उसकी नम रहती है
क्यो वो खोई रहती है अनजान खयालो में
और क्यो दिन भर ताकती रहती है गलियों को

दूड्ती है क्या वो रोज रात सितारों में
या की वो लुम्हे .या वो प्यारी यादे
और पा कर ना कुछ बेचैन सी हो उठती है
क्यो वो मेरे नाम की चर्चा सखियों से करती है

मेरी हर यादो को सजो कर घुटती रहती है दिल में
क्या मुझपे उसको एतबार नही ..या की जहा से डरती है
फिर क्यों वो एक बार सही .प्यार की हामी भर के यही
कह दे ए दीवाने मैं बस प्यार तुम्ही से करती हु

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